नाहन: भारत सरकार के समग्र शिक्षा विभाग द्वारा छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल के लिए शिक्षा में गुणवत्तात्मक सुधार के लिए और विद्यार्थियों के सीखने की गुणवत्ता में सुधार के लिए तथा स्कूल एजुकेशन सिस्टम में बेहतर परिणाम लेने के लिए STARS योजना के तहत विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कराए जा रहे हैं अध्यापकों को नई तकनीक के बारे में और तकनीक के द्वारा विद्यार्थियों को किस प्रकार से नया पाठ्यक्रम पढ़ाया जाना है इस बारे में विभिन्न प्रशिक्षण कराए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अध्यापकों और स्कूल मुखियाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण भी करवाए जा रहे हैं ताकि इन चिन्हित राज्यों में शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार किया जा सके इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के समग्र शिक्षा विभाग द्वारा भी 200 अध्यापकों को हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण करवाया गया l इस अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण में प्रधानाचार्य ,मुख्य अध्यापक, प्रवक्ता, टीजीटी , भाषा अध्यापक,खेल शिक्षक ,प्राथमिक अध्यापक,CHT सहित सभी वर्गों के अध्यापकों को सम्मिलित किया गया। कठिन चयन प्रक्रिया के द्वारा इन अध्यापकों की सूची तैयार की गई और दो चरणों में इन सभी अध्यापकों को सिंगापुर की शिक्षा व्यवस्था को जानने के लिए मार्च और अप्रैल में अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण करवाया गया। जिला सिरमौर से भी चार प्रधानाचार्य और एक प्रवक्ता दूसरे चरण में इस कार्यक्रम में शामिल हुए l जिसमें ऋषि पाल शर्मा पूर्व प्रधानाचार्य डायट नाहन एवं पूर्व जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा सिरमौर तथा वर्तमान में प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जयहर,श्री रोहित वर्मा प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारग एवं खंड परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा शिक्षा खंड नारग,श्री जोगीराम कन्याल प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टोका नगला नरेंद्र नेगी प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अंबोया और विजय ठाकुर प्रवक्ता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शिवपुर ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर प्रशिक्षण प्राप्त किया l शैक्षिक भ्रमण पर विदेश यात्रा से लौटने के बाद सभी ने अपने विचार सांझा करते हुए बताया कि सिंगापुर हवाई यात्रा के द्वारा दिल्ली से लगभग 4300 किलोमीटर दूर बहुत सुंदर देश है जहां 60 लाख के लगभग जनसंख्या है । लेकिन वहां के कानून बहुत सख्त है और इस सख्त कानून व्यवस्था की वजह से ही सिंगापुर की शिक्षा व्यवस्था भी उत्कृष्ट बन पाई है । सिंगापुर में प्
पहली कक्षा में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों की 7 वर्ष की आयु है। यानी कि 7 वर्ष का ही विद्यार्थी प्रथम कक्षा में प्रवेश कर सकता है ।सिंगापुर के निवासियों के लिए सरकारी विद्यालय में पढ़ना अनिवार्य है और वहां के सभी सरकारी विद्यालय उत्कृष्ट हैं । स्कूल में सभी तरह की सुविधा सरकार के द्वारा दी गई हैं। सिंगापुर के पुरुष नागरिकों के लिए अनिवार्य राष्ट्रीय सेवा में जाना पड़ता है जिसमें की फौज और पुलिस में सेवाएं देनी पड़ती है। सिंगापुर के नागरिक बहुत विनम्र भाषा का प्रयोग करते हैं। सड़कों की व्यवस्था बहुत सुंदर है ।सड़क यातायात उत्कृष्ट दर्जे का है और मेट्रो ट्रेन तथा वातानुकूलित बसों के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करना बेहतर आरामदायक है। वहां पर सभी को कार रखने का लाइसेंस नहीं मिलता है । कार रखने के लिए एक एलिजिबिलिटी अनुमति सरकार की तरफ से लेनी पड़ती है। सिंगापुर के नागरिक सफाई व्यवस्था को लेकर बहुत जागरुक है और सभी जगह पर उत्तम सफाई व्यवस्था अन्य देशों से आए हुए नागरिकों का मन मोह लेती है सिंगापुर की ज्यादातर जनसंख्या चीन के नागरिकों की है उसके बाद भारतीय और अन्य देशों के नागरिक भी वहां निवास करते हैं सिंगापुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को ज्यादा अच्छा माना जाता है और लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में किसी भी प्रकार की खाने-पीने की वस्तुओं का प्रयोग नहीं कर सकते ।सिर्फ पानी पी सकते हैं सिंगापुर की सड़कों पर क्रॉस करते वक्त सभी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं। यदि कोई ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करता यह अन्य किसी भी प्रकार की नियमों को तोड़ता है । तो उसे जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है। सिंगापुर के अध्यापक बहुत प्रशिक्षित है और उन प्रशिक्षित अध्यापकों को सरकार के द्वारा और शिक्षा विभाग के द्वारा अच्छी सुविधा दी जाती हैं स्कूल हफ्ते में 5 दिन ही लगते हैं 2 दिन अवकाश रहता है और साल में 7 सप्ताह का शिक्षकों के लिए अवकाश रहता है सिंगापुर में स्कूल प्रिंसिपल के लिए प्रत्येक 6 वर्ष के बाद दो महीने का अवकाश होता है जिसमें कि वह विभाग के खर्चे पर अपनी पसंद के किसी भी देश में घूम करके अपनी पर्सनल डेवलपमेंट कर सकते हैं । सिंगापुर के नागरिकों के लिए शिक्षा के पाठ्यक्रम में ऐसी व्यवस्था की गई है कि वहां पर किसी एक स्किल को सिखाना अति आवश्यक है वह स्किल किसी भी प्रकार की हो सकती है जो कि राष्ट्रीय योगदान में महत्वपूर्ण होती है।महिला और पुरुष दोनों विद्यार्थियों के लिए स्किल की शिक्षा लेना बहुत जरूरी है। यह कौशल प्राप्त विद्यार्थी सिंगापुर के एक अच्छे नागरिक बनते हैं ।सिंगापुर के कानून के अनुसार वह महिलाओं को उत्तम दर्जे की सुरक्षा प्राप्त है सार्वजनिक स्थानों पर, यातायात या अन्य साधनों का उपयोग करते हुए कहीं पर भी महिलाएं अपने आप को
असुरक्षित महसूस नहीं करती हैं वहां की महिला पुलिस किसी भी प्रकार के अपराध के लिए सख्त सजा देती है l सिंगापुर बहुत छोटा सा देश है वहां पर सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करना अपराध है।धूम्रपान करने के लिए विशेष स्थल बनाए गए हैं।लेकिन वहां पर दुनिया की उत्कृष्ट सुविधा वहां के नागरिकों और सरकार के द्वारा तैयार की गई है बहुत ऊंचे ऊंचे गगनचुंबी भवनों में रहने आदि की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक जगह का समुचित उपयोग किया गया है ।सभी जगह को हरा भरा रखने का प्रयास किया गया है। ऊंचे भवनों के साथ-साथ वहां पर बहुत अच्छे ही दर्शनीय स्थल है। दुनिया के 160 से ज्यादा बैंकों ने वहां पर अपने कार्यालय स्थापित किए हुए हैं। सिंगापुर का समय भारतीय समय से 2 घंटे 22 मिनट आगे है।सिंगापुर की मुद्रा सिंगापुर डॉलर है सिंगापुर का $1 64 भारतीय रुपयों के बराबर है। यदि वहां की कुछ सामान्य कीमतों की बात की जाए तो भारतीय समोसा सिंगापुर में $3 में उपलब्ध होता है और भारत में जो चाय ₹10 से 15 में मिलती है वही चाय सिंगापुर में $4 में मिलती है। सिंगापुर में 90% महिलाएं कामकाजी हैं पुरुष और महिलाएं दोनों कंधे से कंधा मिलाकर के कार्य करते हैं और देश के विकास में सहयोग करते हैं। समग्र शिक्षा विभाग के इस दल में समग्र शिक्षा कार्यालय की तरफ से श्री सुनील शर्मा जी प्रधानाचार्य विशेष रूप से इस टूर के समन्वयक रहे जिन्होंने की सभी व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बनाने के लिए पैराडाइज ट्रैवल एजेंसी के साथ और सभी शिक्षकों के साथ समन्वय बनाए और इस अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण को उत्कृष्ट बनाए रखने की कोशिश की एलीमेंट्री शिक्षा विभाग की तरफ से श्री बाबूराम शर्मा जी अतिरिक्त शिक्षा निदेशक इस दल के विशेष संरक्षक के रूप में सभी का उत्साह बढ़ाते रहे। जिला सिरमौर के सभी शिक्षकों ने समग्र शिक्षा विभाग,शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों हार्दिक धन्यवाद किया और कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण के बाद हमारे राज्य में शिक्षा की व्यवस्था को उत्कृष्ट बनाने में हम सभी शिक्षा विभाग का सहयोग करेंगे जैसा कि इस अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण से पहले ही शिक्षा विभाग के द्वारा योजना बनाई जा चुकी है की इन सभी अध्यापकों को उत्कृष्ट संस्थानों में नियुक्ति दी जाएगी जहां पर सभी प्रकार की सुविधा देकर के विद्यार्थियों के सीखने के प्रतिफल को और बेहतर बना करके देश के विकास में सहयोगी किया जाएगा।
..जिला सिरमौर में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 4 शिक्षक सिंगापुर शैक्षणिक भ्रमण पर गए, शिक्षको ने साझा किए अपने अनुभव…
By Ajay Dhiman