नाहन: लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो आपराधिक प्रवृत्ति के कार्यकर्ता नेताजी को काफी बाहते है एक तो यह कि नेताजी सोचते हैं कि यह स्ट्रांग है, इनकी वजह से कोई हमें खंग नहीं सकता।..दूसरा यह कि उनकी काली कमाई नेताजी के काम आती है। उधर क्रिमिनल लोगों का उद्देश्य उनकी सरकार में अपनी एक पेठ बनाना है जो आने वाले समय में उनकी काली कमाई पर पर्दाकर सके। और उन्हें राजनीतिक बैक मिल सके।…. यह आज की नई बात नहीं है यह लंबे समय से लगातार चली आ रही है।…. ऐसे में एक एक अच्छे राजनेता व प्रशासन की परिकल्पना कैसे की जा सकती है।…
सोशल मीडिया में एक दूसरे की कर रहे बुराइयां..
सोशल मीडिया में राजनीतिक दल एक दूसरे की बुराइयां करने में जुटे हैं कि उन्होंने अपनी पार्टी में क्रिमिनल किसी के बंदे को शामिल कर रखा है। जनता के बीच में हुए खुद ही इस चीज का पर्दाफाश कर रहे हैं।… इन दोनों दोनों राष्ट्रीय दल एक दूसरे की फोटो है सोशल मीडिया में डालकर बता रहे हैं.. कि यह देखिए यह क्रिमिनल है।. लेकिन जनता फिर भी नहीं समझती है।… वह दिन कब आएगा जब नेताजी मंच पर जाकर कहेगे कि हमने क्रिमिनल किसी भी व्यक्ति को अपने खेमे में नहीं रखा है।.. उधर जनता भी पंडाल से मंच पर क्रिमिनल लोगों का बहिष्कार करें। और एक सशक्त लोकतंत्र का उदाहरण दें।