नाहन : जिला सिरमौर विभिन्न प्रकार की आपदाओं के प्रति अतिसंवेदनशील क्षेत्र है, तथा यहां के स्कूल भी अतिसंवेदनशील श्रेणी में आते हैं, क्योंकि इसी उद्देश्य को मध्य नजर रखते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट), नाहन के सभागार में आपदा प्रबंधन विषय पर 4 दिवसीय कार्यक्रम का आगाज हुआ। कार्यवाहक जिला परियोजना अधिकारी (समग्र शिक्षा) हिमांशु भारद्वाज ने इस चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यशाला के जिला समन्वयक ओंकार शर्मा ने बताया कि यह कार्यशाला 28 अगस्त 2024 से 31 अगस्त 2024 तक आयोजित होगी, जिसमें जिला सिरमौर के शीतकालीन सत्र स्कूलों के लगभग 37 कनिष्ठ बुनियादी शिक्षक (जे.बी.टी.) अध्यापक भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला के समन्वयक ओंकार शर्मा (प्रवक्ता) डाइट, नाहन ने बताया कि इस चार दिवसीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला में प्रथम दिवस मे स्रोत व्यक्ति, विवेक कुमार कौशिक एवं शिवानी थापा (प्रवक्ता डाइट), नाहन द्वारा विभिन्न प्रकार की आपदाओं के प्रकार, प्रभाव, कारण, भूकंप, टैक्टोनिक प्लेट्स, आपदा जोखिम व न्यूनीकरण तथा हिमाचल की आपदा प्रोफाइल के बारे में विस्तृत रूप से व्याख्यान दिया। इसके दूसरे सत्र में स्रोत व्यक्ति, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, उपायुक्त कार्यालय- सिरमौर से राजन कुमार शर्मा द्वारा आपदा से संबंधित मनोविज्ञान, आपदा प्रबंधन में विज्ञान की भूमिका, आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, आपदा-चक्र, प्रशासनिक भूमिका, आपदा में स्थानीय समुदाय की भूमिका तथा स्कूल आपदा प्रबंधन, योजना व सुरक्षित स्कूल शिक्षा, जिले में पिछले वर्ष हुए आपदाओं के नुकसान, प्रभाव, कारण एवं विश्लेषण, आपदा प्रबंधन अधिनियम -2005 आदि के बारे में इन अध्यापकों के साथ व्यापक रूप से चर्चा की।
इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण समन्वयक ने कार्यक्रम के अन्य सत्रों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, नाहन से आपदाओं के दौरान प्राथमिक चिकित्सा उपचार, सीपीआर तकनीक, उपचार, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस आदि महामारियों के बारे में भी विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी। इसके अतिरिक्त होमगार्ड कार्यालय से खोज एवं बचाव, फायर के बारे में प्रैक्टिकल रूप में हैंड्स ऑन प्रैक्टिस भी करवायी जाएगी। अंत में कार्यवाहक जिला परियोजना अधिकारी (समग्र शिक्षा), नाहन- हिमांशु भारद्वाज ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूलों की समुचित सुरक्षा एवं बच्चों की विभिन्न प्रकार की आपदाओं से सुरक्षा को सुनिश्चित करना रहेगा ।