नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले परदे के पीछे छिपे है। और छिपकर ही वनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन उन लोगों के गिरेबान बंद तक नहीं पहुंच पा रहा है।.. जिला मुख्यालय नाहन में पेड़ों को बिना परमिशन के काटा जा रहा है।… शहर के रानी का बाग में 24 अगस्त को काटे गए चीड़ के पेड़ इसका ताजा उदाहरण है। पुलिस ने विगत दिवस इसमें चार आरोपियों को तो गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जिसने पेड़ कटवाए उनका कोई अता-पता नहीं है। जितने कसूर वार पेड़ काटने वाले हैं उतनी कसूरवार वह है जिन्होंने पेड़ कटवाऐ है।… उन लोगों को भी सलाखो के पीछे किया जाना चाहिए। कालीस्थान मंदिर में काटा गया आम का हरा पेड़ मामले में भी पेड़ काटने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।.. लेकिन पेड़ कटवाने ने वाले मुख्य आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर है। जिन्होंने मौके पर पेड़ काटने वालों को बुलाया और उनसे पेट कटवाए।जानकारी के अनुसार कालीस्थान मंदिर के पीछे सूखे पेड़ की परमिशन थी लेकिन मौके पर आम का हरा पेड़ काटा गया है। इसमें पेड़ काटने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला मामला दर्ज किया गया है। लेकिन यहां भी मुख्य आरोपी जिसने पेड़ कटवाया था और जो पेड़ कटवाना चाहता था उसके खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं हुआ है।… पुलिस प्रशासन को मुख्य आरोपियों के खिलाफ जांच की करनी चाहिए जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए हरे पेड़ पर कुल्हाड़ी चलवाई है। कालीस्थान मंदिर के पीछे पेड़ काटने का परपज क्या था और क्यों पेड़ काटा गया है यहां सोचने वाली बात है।.. लेकिन दोनों जगह ही अभी तक पुलिस ने मुख्य आरोपी जो पेड़ कटवाने वाले थे उनके खिलाफ कोई भी मामला दर्ज नहीं किया है।