नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में आवारा कुत्तों की कोई सेफ्टी नहीं है। .. आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए कुछ नहीं किया नहीं जा रहा है।.. आवारा कुत्तों के लिए कहीं कोई शेल्टर नहीं बनाया जा रहा है जहां उन्हें रखा जा सके।.. जिसके कारण कुछ आवारा कुत्ते सड़क पर बीमार होकर मर रहे हैं या फिर दुर्घटना में मर रहे हैं। उधर शहर में आवारा कुत्तों को करने के बाद कूड़ा समझ कर कूड़ेदान में फेंका जाता है उन्हें दबाया भी नहीं जाता।… यहां कुछ डॉग लवर कुत्तों को कूड़ा समझ कूड़ेदान में फेंक देते हैं। प्रस्तुत फोटो नाहन के एक पक्का तालाब के पास पड़े कूड़ेदान की है जहां एक आवारा कुत्ते को मरने के बाद फेंका गया है। इस कुत्ते को नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा जमीन खोद दबाया गया।.. शहर में डॉग लवर कुत्ते क़ो तो पाल रहे हैं लेकिन जब कुत्ते उनके बस से बाहर हो जाते हैं तो वह उन्हें जगह-जगह छोड़ देते है।.. यहां मुख्य समस्या उनकी बढ़ रही संख्या से है जिस पर जिला प्रशासन कोई गंभीर एक्शन नहीं ले रहा है। अभी कुछ समय पहले कुत्तों की नसबंदी कार्यक्रम शुरू किया गया था।.. लेकिन 40- 50 कुत्तों की नसबंदी के बाद यह कार्यक्रम भी बंद हो गया। अब शहर में पहले से ज्यादा आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है।.. प्रशासन को शहर मैं व्यवस्था बनाने व बेजुबानों को आश्रय देने के लिए कदम उठाना चाहिए।