नाहन: गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पी.सी.पी.एन.डी.टी.) अधिनियम 1994 के अंतर्गत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की त्रैमासिक बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुई ।
बैठक में सिरमौर जिला के लिंग अनुपात पर चर्चा की गई जो कि संतोषजनक पाया गया। डाॅ. पाठक ने बताया कि अभी तक जिला में कोई भी कन्या भ्रूण हत्या का मामला संज्ञान में नहीं आया है। गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड केवल चिकित्सक की परामर्श पर ही करवाना चाहिए अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सिरमौर जिला में 19 अल्ट्रासाउंड गैर सरकारी व 3 सरकारी अल्ट्रासाउंड केंद्र क्रियाशील हैं। लिंग चांज करना व करवाना दोनों ही गैर कानूनी है, यदि अल्ट्रासाउंड करने वाले अस्पतालों में लिंग की जांच की जाती है और यह प्रैक्टिस संज्ञान में आती है तो उन्हें 3 साल से 5 साल तक की कारावास व दस हजार से एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बैठक में लिंगानुपात में और अधिक सुधार लाने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान महिला सशक्तिकरण पर भी चर्चा हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि जिला सिरमौर से शिक्षा, खेल,आदि क्षेत्रांे में सफल लडकियों और महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा जिससे अन्य लड़कियों और महिलायों को भी प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने बताया कि भविष्य में भी कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए गठित कमेटी की कढ़ी निगरानी रहेगी और यदि किसी भी अल्ट्रासाउंड केन्द्र पर अनियमितता पाई गई, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बेटी बचओ, बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण हेतु जिला में आइईसी गतिविधियाँ समय-समय पर आयोजित की जाती रही है।
बैठक में तकनीकी विशेषज्ञ के तौर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. नेसार अहमद, जिला न्यायवादी चंपा, डाॅ.आमोद सिंह, डाॅ. गगनदीप ढिल्लों, डाॅ. नवीन शर्मा, डॉ. रोबिन तथा गैर तकनीकी सदस्य नीमा देवी, उपस्थित रहे।