नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने में जिला प्रशासन व नगर परिषद फिर पूरी तरह नाकाम है। ऐतिहासिक धरोहरों को लोगों द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है और इसकी ऐतिहासिकता को लगातार खत्म किया जा रहा है। जिला प्रशासन नगर परिषद द्वारा इसमें कोई भी एक्शन नहीं लिया जा रहा है। लोगों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे ऐतिहासिक इमारत को नुकसान पहुंचाने में जुटे हुए हैं।… जी हां पक्का तालाब जो की ऐतिहासिक तालाब है को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पक्का तालाब के किनारे लगी अनारकली रेलिंग को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस रेलिंग का प्रयोग लोहे के सरिया मोड़ने के लिए किया जा रहा है। प्रस्तुत फोटो में आप देख सकते हैं रेलिंग पर लकड़ी बांधी गई है जिसका प्रयोग सरिया मोड़ने के लिए किया जा रहा है।…उधर इसी तरह पक्का तालाब के चारों ओर गाड़ियां पर की जा रही है। इस तालाब के पास पर्यटक नजारा नहीं ले सकते हैं। यह वही पक्का तालाब है जहां पर 1967 में यहां पर गुनाहों के देवता की शूटिंग भी हुई थी जिसमें ऐतिहासिक पक्का तालाब के तालाब का सौंदर्य देखा जा सकता है।… लेकिन अब नई पीढ़ी इस तालाब को बचाने में कोई भी योगदान नहीं दे रही है। पक्का तालाब के किनारे आवारा पालतू कुत्तों को घुमाया जाता है जो तालाब के किनारे शौच कर देते हैं। इसी तालाब में मौजूद दुख फवारे को 15 साल से ठीक नहीं करवाया जा रहा है। उधर इसी तरह पक्का तालाब में गंदगी का आलम है। जिला प्रशासन को पक्का तालाब की ऐतिहासिकता को बचाते हुए इसकी देखरेख करनी चाहिए और इसे नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। और हमारा भी फर्ज है कि हम ऐतिहासिक धरोहरों का बचाव करें।