.. नाहन : ऐतिहासिक रानीताल बाग में लीची फल का पिछले 2 साल से ठेका नहीं हो रहा है जिसके कारण लीची नगर परिषद के कर्मचारियों में ही बांटी जा रही है।.. बता दे की रानीताल में लीची के 7 के करीब पेड़ है जो कि इन दोनों लीची लदे हुए हैं।… अगर इन पेड़ों को ठेके पर दिया जाए तो नगर परिषद को भी आमदनी होगी और किसी बेरोजगार की आमदनी का जरिया बनेगा।.. गौर हो की इससे पहले हर साल लीची का ठेका दिया जाता था।… जानकारी के अनुसार बाजार में लीची ₹200 प्रति किलो के हिसाब से बेची जा रही है। लेकिन यहां दुख की बात है की रानी लाल की लीची का कोई मोल भाव नहीं है। वह सस्ते में ही निपट रही है।… शहर के वरिष्ठ नागरिकों ने इस पर चिंता जताई और कहा कि रानीताल बाग का विकास किया जाए और फलों से होने वाली आमदनी का पैसा बाग में विकास कार्य में लगाया जाए।