नाहन: दलित शोषण मुक्ति मंच, जिला सिरमौर हमीरपुर जिले के बड़सर में कड़सई पंचायत में एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हुए विवाद की निंदा करते हैं। मंच के संयोजक आशीष कुमार , सह संयोजक अमिता चौहन, जिला कमेटी सदस्य राजेश तोमर ने कहा की यह घटना मुख्यमंत्री के गृह जिले में होना शर्मनाक है जो समाज में व्याप्त जातिवादी मानसिकता को दर्शाती है। आशीष कुमार ने कहा की ये मात्र एक घटना एक हमीरपुर की है नही है बल्कि हिमाचल प्रदेश में आज भी अनुसूचित जाति वर्ग मे लोग प्रतिदिन इस तरह के शोषण के शिकार होते रहते है । कभी शादी विवाह में अपमानित किया जाता है तो कभी स्कूल परिसर मे छात्रों तक को अपमानित किया जाता है , दलित शोषण मुक्ति मंच ने कहा की अनुसूचित जाति वर्ग को जीते जी तो अपमान झेलना हि पड़ता है परन्तु मरणोपरान्त भी संस्कार के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होती। आशीष कुमार ने स्थानीय sdm का ब्यान जिसमे कहा गया है की गाँव के लिए अलग शमशान घाट बनाया जायेगा ये कहना भी शर्मानाक है , जबकि sdm महोदय को ये सुनिश्चित करना चाहिए की हर जाति वर्ग के लोगों का अंतिम संस्कार एक जगह हो यदि कोई इस तरह का विरोध करता है तो उन पर कानूनी कर्रवाई अमल में लाई जाए।
दलित शोषण मुक्ति मंच ने मांग करते हुए।
सभी श्मशान घाटों को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोला जाए*: जाति आधारित बंटे श्मशान घाटों को समाप्त किया जाए और सभी श्मशान घाटों को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोला जाए।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें कानून के तहत सजा दिलाई जाए।
समाज में जातिवादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए काम किया जाए*: सरकार और समाज को मिलकर जातिवादी मानसिकता को समाप्त करने के लिए काम करना होगा और समाज में समरसता और भाईचारे को बढ़ावा देना होगा।
दलित शोषण मुक्ति मंच हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग करता है कि वह इस घटना का संज्ञान ले और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही, सरकार को समाज में जाति मानसिकता को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।