नाहन: संयुक्त संगठनों के साझा मंच के आह्वान पर शोषण मुक्ति दलित उत्पीड़न, भेदभाव और अधिकारों पर हमलों के खिलाफ 17 नंबर को नाहन में एक विरोध प्रदर्शन करेगा
नाहन।शोषण मुक्ति मंच हिमाचल प्रदेश के प्रदेश संयोजक आशीष कुमार तथा राज्य कमेटी सदस्य सुरेंदर धर्मा, नैन सिंह और राजेश तोमर ने जारी एक प्रेस ब्यान मे बताया कि हिमाचल प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अत्याचार और भेदभाव लगातार खतरनाक रूप ले रहे हैं। रोहड़ू के लिंबरा गाँव की अमानवीय दलित उत्पीड़न घटना, हमीरपुर में महिला पर हुआ गंभीर हमला, और शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों व कर्मचारियों के खिलाफ बढ़ती जातिगत भेदभावपूर्ण घटनाएँ समाज में भय व असुरक्षा पैदा कर रही हैं। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों में आरक्षण की उपेक्षा और पदों के भरने में अनियमितताएँ दलित समुदाय के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करने का कार्य कर रही हैं। इन हालातों को देखते हुए मंच ने हिमाचल में तेलंगाना की तर्ज पर “विशेष निधि कानून” लागू करने की मांग रखी है, ताकि दलित उत्पीड़न, पुनर्वास, न्याय और सामाजिक सुरक्षा के लिए एक अलग, कानूनी और बाध्यकारी बजट प्रावधान सुनिश्चित हो सके। साथ ही देश के पाँच राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी स्वतंत्र “सफाई कर्मचारी आयोग” की स्थापना की मांग की गई है, ताकि सफाई कर्मियों के अधिकार, सुरक्षा, सेवा शर्तें और कल्याण से जुड़े मामलों की सीधी निगरानी और समाधान राज्य स्तर पर सुनिश्चित हो। इस प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक, मजदूर, कर्मचारी, छात्र, महिला, किसान और जनसंगठन शामिल होंगे, जो दलित समाज पर बढ़ते अत्याचारों को रोकने, दोषियों की गिरफ्तारी, पीड़ितों को सुरक्षा व मुआवजा, शिक्षण संस्थानों में समानता, आरक्षण की रक्षा, और सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षित व सम्मानजनक व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग करेंगे।
