.…नाहन शहर में जिंदा दफन किए जा रहे पेड़ पौधे..
नाहन: नाहन शहर लगातार कंक्रीट में तबदील होता जा रहा है और इस कंक्रीट में शहर की हरियाली खत्म हो रही है। जी हां शहर में भवन निर्माण के दौरान खुदाई व तुड़ाई का मलबा शहर के साथ सटे जंगलों में फेंका जा रहा है। जिसमें से प्रकृति की धरोहर पेड़ पौधे जिन्दा दफन हो रहे हैं।.. शहर में मानव जीवन के रक्षक पेड़ पौधों को बिना बात के मलबे में दबाकर दफन किया जा रहा है। जिसे ना कोई पर्यावरणविद देख रहा है ना जिला प्रशासन।.. प्रस्तुत फोटो में आप देख सकते हैं कि किस तरह पेड़ों को मलबे से घायल कर दबाया जा रहा है। यह मलबा शहर की बिरोजा फैक्ट्री के समीप एक नाले पर गिराया जा रहा है। इस नाले के साथ लगते दर्जनों हरे पेड़ पौधे दफन हो चुके हैं। और जो बचे हैं वह आप देख सकते हैं। शहर के कई स्थानों इसी तरह पेड़ों को दफन कर दिया गया है। और कहीं जगह लोग परमिशन लेने लिए पेड़ों की जड़ को केमिकल डालकर गलाकर उन्हे गिरा रहे है। तो कहीं जगह परमिशन लेकर पेड़ों को काट दिया जा रहा है। यहां उन पेड़ों को भी काट दिया जाता है जो कि बच सकते हैं। और काटे गए पेड़ों की जगह नए पौधे लगाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया जाता है। शहर में पर्यावरणविद पर्यावरण दिवस के अवसर पर पेड़ लगाने का नाटक करते हैं, और पौधे लगाते हैं लेकिन उसके बाद कोई भी उनकी सुध नहीं लेता है। और वह पौधे इसी तरह सूख कर मर जाते हैं। शहर को हरा भरा करने के लिए आम आदमी को आगे आना होगा। और पेड़ों को लगाकर उनकी सुरक्षा करनी होगी जिस तरह हरे पेड़ पौधे हमें बिना बोले जीवनदायनी ऑक्सीजन देते हैं इस तरह हमें भी उनकी रक्षा के लिए आगे आना होगा।